تحلیل تلفات انسانی ناشی از مخاطرات اقلیمی در ایران از سال 1370 تا سال 1386
1-دکتر منوچهرفرج زاده، دانشیار گروه جغرافیای دانشگاه تربیت مدرس
2-قباد ذبیحی زاده، دانشجوی کارشناسی ارشد اقلیم شناسی دانشگاه تربیت مدرس
چكيده
رخداد مخاطرات اقليمي كه جز ويژگيهاي اقليمي هر منطقه از كره زمين است كه در نتيجه رفتارهاي نابهنجار اقليمي بوجود آمده كه عمدتا از ماهيت تصادفي برخوردار بوده و از اينرو امكان پيش بيني آن را كمي با مشكلات جدي مواجه مي سازد. دراين تحقيق با جمعآوري اطلاعات 15 مخاطره اقليمي از روزنامه اطلاعات و سايت سازمان ملل متحد شامل، طوفان، تگرگ، گردباد، باران، بوران، كولاك، پيشروي دريا، يخبندان، گرمباد، باد شديد، برف، رعدو برق، خشكسالي و سيل در دوره زماني 17 ساله 1370 تا 1386، روند تعداد كشته ها و زخمي هاي اين مخاطرات تحليل شده است. نتايج بدست آمده اين تحقيق نشان مي دهدكه در كشور و در طول دوره آماري، 1607 مخاطره با ميانگين سالانه 90 رخداد، روي داده است. 2877نفر كشته باميانگين ساليانه 169 نفر ، 13374 نفر زخمي با ميانگين ساليانه 787 نفر پيامدهاي ناشي از اين رخدادها به ثبت رسيده است، سيل با بيشترين فراواني رخداد و بيشترين خسارت جاني با 2545 نفر كشته مخرب ترين مخاطره بوده است و پس از آن رعد وبرق و طوفان با 94 و 93 نفر كشته در طول دوره در مكانهاي بعدي قرار دارند. از نظر تعداد زخمي ها همچنان سيل با 13048 نفر بيشترين تعداد زخمي بر جاي گذاشته و بعد از آن برف با 290 زخمي و سپس گردباد و رعدوبرق باعث زخمي شدن 14 و 13 نفر گشته اند.
واژگان كليدي: مخاطرات اقليمي، مرگ ومير، خسارت اقتصادي، ايران.
مقدمه
رفرنس ها براي آمار ارائه شده معرفي شود
تاثير متقابل سيستمهاي آب و هوايي با جوامع انساني موجب افزايش پتانسيل بلايا مي گردد ،پرهيز و اجتناب از بلاياي طبيعي غير ممكن است ولي امكان پيشگيري از خسارات وجود دارد. سرمايه گذاري در امر پيشگيري از بلاياي طبيعي در جامعه مي تواند از خسارتي وارده معادل پنج تا ده برابر آن جلو گيري كند.
آمارها نشان مي دهد بلاياي اقليمي بر اساس تعداد تلفاتي كه در سال هاي گذشته در كل جهان رخ داده عبارتند از: 1- خشكسالي 2- طوفانها(حاره اي،گردبادها و مهيب) 3- سيل 4- صاعقه 5- كولاك وبرف 6- امواج گرمايي 7- بهمن 8- امواج.
طوفانهاي شديد زمستاني درياي بالتيك در سال 2005، طوفان كاترينا همراه با ديگر پديده هاي طبيعي و حادثه ساز مشابه را ناشي از تغييرات اقليم دانسته اند. مجموع رخداد مخاطرات اقليمي، حدود 86.2 درصد از كل مخاطرات بوقوع پيوسته در قرن بيستم بوده است. منبع؟
مرگ و مير هاي ناشي از مخاطرات طبيعي سالانه حدود 275000 نفر گزارش شده است. منبع؟ كه 50 در صد آن مربوط به خشكسالي است كه سالانه جان 140200 نفر را مي گيرد. بيشترين مرگ و مير سالانه مخاطرات در جهان در سال 1930 رخ داده است. منبع؟
مطالعات متعددي در خصوص مخاطرات محيطي در سطح دنيا انجام شده است كه از جمله آنها ادوارد لاتين پانويس شود.(2006)در مقدمهاي بر مخاطرات محيطي، مخاطرات اقليمي را درجهان از 1900 تا 2000 مورد تحليل قرار داده است و به اين نتيجه رسيده كه مخاطرات اقليمي و خسارات ناشي از آن رو به افزايش بوده است. فيليپ لاتين پانويس شود (2006) به بررسي مخاطرات محيطي از ديدگاه اقليم شناسي و زمين شناسي پرداخته، او مخاطرات را با منشاء آب و هوايي و زمين شناسي تفكيك نموده، همچنين به نحوه تعامل انسان با مناطق حادثه ساز از جمله شهرهايي كه در معرض مخاطرات قرار دارند پرداخته است. در كشور نيز مطالعات زيادي در اين خصوص انجام شده است. سبزي پرور (1370)به بررسي سينوپتيكي سيستمهاي سيل زا در جنوب غرب ايران پرداخته و عامل اصلي وقوع بارشهاي سيل زا در جنوب غرب ايران را حضور ناوه عميق در تراز بالا ذكر كرده است. مرادي (1380) بر اساس موقعيت سامانه هاي همديدي و با استفاده از الگوهاي سينوپتيكي در طي يك دوره آماري سي ساله كه منجر به طوفان و بارش سيل آسا در شمال شرقي ايران مي شود پرداخته و چهار الگو را در ايجاد بارشهاي سيل آسا منطقه موثر دانسته است. سيف (1375)با استفاده از تحليل داده هاي ايستگاههاي سينوپتيك در يك دوره سي ساله نحوه توزيع بارش تگرگ بر روي ايران را بدست آورده است.
در بررسي پيشينه تحقيقات مي توان گفت، در زمينه مخاطرات اقليمي تاكنون مطالعات و تحقيقات كاملي كه بتواند تمام عوامل اقليمي و خسارات ناشي از آنها را در بر گيرد، صورت نگرفته و آنچه كه در اين زمينه انجام شده به صورت موردي و تك بعدي بوده است لذا هدف مقاله حاضر بررسي و تحليل توزيع مكاني و زماني كشته ها و زخمي هاي ناشي از مخاطرات اقليمي در ايران مي باشد.
مواد و روشها
در اين پژوهش براي بررسي مخاطرات اقليمي در ايران با جمع آوري اطلاعات لازم از روزنامه اطلاعات و داده هاي سايت سازمان ملل متحد در ايران(www.unic.ir.org) آمار مورد نياز گردآوري شدند، سپس اطلاعات خام بر اساس نوع مخاطره اقليمي دسته بندي شده و تاريخهاي وقوع هر مخاطره بر اساس روز، ماه و سال دسته بندي گرديد. سپس اطلاعات به محيط رايانه منتقل و بر اساس مخاطرهي اقليمي دسته بندي شدند. تاريخهاي وقوع، مكانهاي وقوع، فراوانيها، خسارات جاني اعم از كشته، زخمي هر مخاطره اقليمي در طول دوره براي تحليل استخراج گرديد. پس از آماده سازي دادهها در محيط اكسل، اطلاعات به صورت نوع مخاطره اقليمي، ماه و سال، به نرمافزار Spss منتقل گرديدند. فراواني مطلق و نسبي دادهها استخراج و داده به صورت ماه، سال و نوع مخاطره با هم مقاسيه و تحليل شدند. براي توزيع مكاني مخاطرات اقليمي از سيستم اطلاعات جغرافيايي استفاده شده و نقشه ها ی پراكنش تعداد كشته ها و زخمي هاي مخاطرات اقليمي در ايران تهيه و مورد تحليل قرار گرفت.
اين جدول چيست؟
جدول ها مرتب شوند.
بهتر است دوباره تايپ شود.
نتايج:
1-فراواني مخاطرات اقليمي
تحليل ها گسترده تر مطرح شود. يعني به علت هاي احتمالي توجه شود.
همانطور كه مشخص است در طول دوره مجموع كل رخدادهاي مخاطرات اقليمي 1607 مورد با میانگین 90 رخداد در سال بوده است. 2877 نفر كشته با میانگین سالانه 167و 13374 نفر زخمی با میانگین سالانه 743مي باشد. از اين مخاطرات سيل با 2545 نفر كشته در درجه اول قرار دارد و سپس و رعد وبرق و طوفان با 94 و 93 نفر كشته در طول دوره قرار دارند. در ميزان زخميها همچنان سيل با 13048 نفر بيشترين زخمي برجاي گذاشته است اما بعد ار آن برف با 290 نفر زخمي و سپس گردباد و رعد و برق باعث زخمي شدن 14 و 13 نفر شدهاند.
نوع مخاطره |
تعداد وقوع |
افراد كشته شده |
افرادزخمي شده |
باد شدید |
2 |
0 |
0 |
باران |
24 |
13 |
9 |
برف |
107 |
11 |
290 |
بوران |
1 |
|
0 |
تگرگ |
46 |
3 |
0 |
جوي |
1 |
140 |
0 |
خشكسالي |
35 |
0 |
0 |
رعد و برق |
79 |
94 |
13 |
سيل |
1095 |
2545 |
13048 |
طوفان |
136 |
93 |
0 |
كولاك |
72 |
33 |
0 |
گردباد |
3 |
8 |
14 |
گرم باد |
1 |
0 |
0 |
يخبندان و سرمای شدید |
5 |
2 |
0 |
مجموع |
1607 |
2877 |
13374 |
جدول 1- فراواني و ميزان مرگ و مير ناشي از انواع مخاطرات اقليمي در ايران (1370-1368)
2-تحليل ماهانه مخاطرات اقليمي
توزيع ماهانه تعداد مرگ و ميرهاي ناشي از رخدادهاي مخاطرات اقليمي به اين گونه است كه بيشترين كشته ها با فراواني 748 كشته در مرداد ماه بوده و پس از آن ماههاي ارديبهشت، بهمن و اسفند قرار دارد.كمترين تعداد كشته ها در آبان ماه با فراواني 29 كشته قرار دارد. همانگونه كه از جدول(2) مشخص است مخاطره سيل در تمام ماهها بيشترين تعداد كشته ها را به خود اختصاص داده است توزيع تعداد زخمي هاي ناشي از مخاطرات اقليمي(جدول 3) به اين گونه است كه مرداد ماه با12313 نفر زخمي و پس از آن ارديبهشت با542 نفر زخمي بيشترين فراواني از نظر تعداد زخمي ها را دارد. مخاطره سيل در تمام ماهها بجز بهمن ماه داراي بيشترين تعداد زخمي ها
مي باشد، در ماه بهمن برف داراي بيشترين تعداد زخمي مي باشد.
جدول 2- توزيع ماهانه مرگ و مير ناشي از مخاطرات اقليمي در ايران(1386-1370)
نوع مخاطره |
فروردين |
ارديبهشت |
خرداد |
تير |
مرداد |
شهريور |
مهر |
آبان |
آذر |
دي |
بهمن |
اسفند |
باد |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
باران |
0 |
0 |
0 |
1 |
10 |
0 |
0 |
0 |
0 |
2 |
0 |
0 |
برف |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
81 |
1 |
بوران |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
پيشروي دريا |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
4 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
تگرگ |
0 |
1 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
2 |
0 |
0 |
0 |
0 |
يخبندان |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
2 |
0 |
0 |
خشكسالي |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
رعد و برق |
11 |
24 |
23 |
9 |
10 |
1 |
4 |
5 |
3 |
0 |
2 |
2 |
سيل |
73 |
507 |
73 |
195 |
711 |
59 |
33 |
13 |
62 |
65 |
384 |
370 |
طوفان |
1 |
13 |
12 |
2 |
17 |
8 |
4 |
2 |
27 |
6 |
1 |
0 |
كولاك |
0 |
0 |
13 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
10 |
9 |
1 |
0 |
گردباد |
0 |
0 |
0 |
2 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
6 |
گرم باد |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
مجموع |
85 |
545 |
121 |
209 |
748 |
68 |
45 |
22 |
102 |
84 |
469 |
379 |
جدول 3- توزيع ماهانه زخمي هاي ناشي از مخاطرات اقليمي در ايران(1386-1368)
نوع مخاطره |
فروردين |
ارديبهشت |
خرداد |
تير |
مرداد |
شهريور |
مهر |
آبان |
آذر |
دي |
بهمن |
اسفند |
باد |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
باران |
0 |
0 |
0 |
0 |
3 |
5 |
0 |
0 |
0 |
1 |
0 |
0 |
برف |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
290 |
0 |
بوران |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
پيشروي دريا |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
تگرگ |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
يخبندان |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
خشكسالي |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
رعد و برق |
0 |
0 |
8 |
4 |
1 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
سيل |
0 |
542 |
3 |
83 |
12309 |
53 |
0 |
0 |
55 |
0 |
3 |
0 |
طوفان |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
كولاك |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
گردباد |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
14 |
گرم باد |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
مجموع |
0 |
542 |
11 |
87 |
12313 |
58 |
0 |
0 |
55 |
1 |
32 |
14 |
3-تحليل زماني مخاطرات اقليمي
بيشترين تعداد كشته ها با رقم 693 مربوط به سال 1371 و سپس سالهاي 1380 و 1381 با رقم 426 و 405 كشته بيشترين فراواني از نظر تعداد كشته ها را به خود اختصاص داده است و كمترين تعداد كشته ها مربوط به سال 1385 با 25 مورد كشته مي باشد، از نظر تعداد زخمي ها سال 1384 با 12002 مورد زخمي بيشترين تعداد زخمي و در سالهاي 71 و 76 و 79 هيچگونه مخاطره اي كه منجر به زخمي شدن افراد بشود اتفاق نيفتاده است(جدول4).
جدول 4- فراواني و خسارات جاني مخاطرات اقليمي بر حسب سال در طول دوره (1386-1370)
سال |
تعداد وقوع |
افراد كشته شده |
افراد زخمي |
1370 |
12 |
36 |
40 |
1371 |
15 |
693 |
0 |
1372 |
150 |
27 |
447 |
1373 |
102 |
69 |
37 |
1374 |
68 |
70 |
3 |
1375 |
99 |
72 |
9 |
1376 |
182 |
42 |
0 |
1377 |
114 |
310 |
89 |
1378 |
95 |
266 |
310 |
1379 |
57 |
31 |
0 |
1380 |
117 |
426 |
96 |
1381 |
96 |
405 |
20 |
1382 |
104 |
34 |
16 |
1383 |
84 |
134 |
42 |
1384 |
135 |
159 |
12002 |
1385 |
90 |
25 |
3 |
1386 |
86 |
35 |
4 |
مجموع |
1607 |
2877 |
13374 |
4-تحلیل مخاطره طوفان
وقوع طوفان در ايران داراي فراواني نسبتاً زيادي است به طوري كه در طول 17 سال دوره آماري،136 مورد ثبت شده است كه به طور ميانگين در هر سال حدود 8 مورد طوفان رخ داده است. تعداد افراد كشته شده بر اثر طوفان در طول دوره 93 نفر و ميانگين آن در هر سال 5 نفر بوده است. اين رقم هرچند زياد به نظر مي رسد اما در مقابل مخاطره سيل كه هر سال 141 نفر كشته بر جاي مي گذارد رقم ناچيزي است. اگر به تعداد رخدادهاي طوفان و تعداد كشته شده هاي ناشي از آن توجه كنيم از 7 مورد رخداد سالانه طوفان 5 نفر جان خود را از دست دادهاند. . بیشترین خسارت جانی این مخاطره نیز در بوشهر بوده که برابر با 14 نفر می باشد پس از آن مناطق ايلام با 11 كشته، تربتحيدريه با 10 كشته و ايذه با 9 كشته قرار دارند. كمي رخداد طوفان در مركز ايران، شايد به دليل نبودن مراكز تجمع انساني و همچنين عدم خسارات جاني در اين مناطق باشد كه از درجه اهميت آن ميكاهد. در بررسی ماهانه مخاطرات مشخص است که آذر ماه با(27) كشته و بعد از آن ارديبهشت ماه با(13) كشته، بیشترین تعداد کشته شده ها را به خود اختصاص داده است.
5-تحليل مخاطره كولاك
كولاك كه از آن نوع طوفانهايي است كه بیشتر از لحاظ کشاورزی خسارت به بار می آورد در ايران همواره در مناطق سردسير، مرتفع و در فصول سرد سال اتفاق ميافتد. تعداد وقوع رخداد كولاك در كشور در طول دوره آماري 72 مورد بوده است و 33 نفر كشته برجاي گذاشته است كه به طور ميانگين هر سال در هر 4 رخداد، 2 نفر بر اثر كولاك در ايران جان خود را از دست دادهاند. تفاوت بين تعداد رخداد ها در هر منطقه با تعداد كشته شدهها، نشان از شدت و ضعف اين پديده دارد و يا اينكه مناطق وقوع آن از لحاظ اجتماعي و طبيعي با هم متفاوت هستند به طوري كه در يك رخداد كولاك در خوزستان در سال 1998، 9 نفر جان باختهاند كه بيشترين تعداد كشتهها را در طول دوره دارا ميباشد. اما در جايي مانند مسجد سليمان با 6 رخداد هيچ كشتهاي ثبت نشده است. اصفهان 7 كشته در 2 رخداد، ساري و شيراز با 4 كشته در مراتب بعدي قرار دارند. فصل تابستان در طول دوره هیچ گونه کولاک مخاطره آمیزی به خود ندیده است. خرداد با 13وآذر با10 كشته ماههايی هستند که در آن بیشترین افراد جان خود را از دست داده اند.
6-تحليل مخاطره سرمای شدید و يخبندان
تعداد رخدادهاي مخاطره آميز يخبندان در طول دوره آماري 5 مورد می باشد كه اين مقدار با توجه به كوهستاني بودن و سرماهاي شديد تجربه شده در كشور، كمي جاي تأمل دارد، اما به نظر ميرسد كه عدم ثبت رخدادهاي بيشتر يخبندان، ناشي از ناچيز بودن ميزان خسارات جاني وارده بوده باشد. تعداد افراد كشتهشده ناشي از يخبندان در طول دوره، 2 نفر بودهكه در دي ماه سال 1370 در اليگودرز رخ داده است. ديگر مناطق، فاقد خسارات جاني بودهاند.
7-تحليل مخاطره تگرگ
رخداد تگرگ در طول دوره آماري 46 مورد با ميانگين 5/2 بار در هر سال آماري بوده است اين
ميزان با توجه مشاهدههاي محلي كم به نظرميرسد كه احتمالاً رخدادهاي خسارت بار گزارش نشده را شامل نميشود و تنها شامل رخدادهايي ميشود كه نزديك به مراكز بزرگ جمعيتي بوده و دسترسي به آنها سهل الوصول بوده است. خسارات جاني ناشي از 46 مورد رخداد تگرگ در طول دوره 3 نفر بوده است كه در مناطق اهواز، تربت حيدريه و مشكينشهر رخداده است.
8-تحليل مخاطره برف
در طول دوره آماري 107 بار برف براي مناطق مختلف كشور مخاطره آميز بوده است كه جان 82 انسان را گرفته و 290 نفر را زخمي نموده است، 71 مورد از 82 مورد تعداد كشتهشدگان در استان گيلان، 7 مورد در شهرستان پاوه، 2 مورد در اروميه و در بيرجند و كوهرنگ 1 مورد كشته رخ داده است. همچنين بيشترين تعداد كشته ها با 74 مورد در سال 1383 و در توزيع ماهانه بهمن ماه با 81 مورد كشته داراي بيشترين تعداد فراواني از نظر تعداد كشته ها مي باشد.
9-تحليل مخاطره باد شديد
آنچه كه به عنوان باد شديد مطرح است منظور بادي است كه مخاطره آميز باشد و خسارات جاني و مالي به بار آورد. تعداد رخداد بادهاي خسارت بار در ايران در طول دوره آماري، 2 مورد، در گرمي و اردبيل در سال 2007 بوده است. انتظار اوليه از اين موضوع اين است كه تعداد رخداد و خسارات وارده از اين پديده در ايران بسيار بيشتر از اين عدد باشد اما به نظر ميرسد منابع مورد رجوع، بادهايي را كه خسارت نداشتهاند ثبت نكردهاند و شايد هم در مواردي عدم ثبت رخدادها، به هر دليل، مزيد بر علت باشد.اين نوع مخاطره هيچ نوع كشته يا زخمي در پي نداشته است.
10-تحليل مخاطره باران
تعداد رخدادهاي مخاطره باران در مناطق مختلف ايران 24 رخداد بوده است. ميزان خسارات جاني ناشي شده شامل 13 كشته و 9 نفر زخمي مي باشد. كه سال 75 با 12 كشته و ماه مرداد با 10 كشته بيشترين فراواني را از نظر تعداد كشته ها به خود اختصاص داده است. بيشترين ميزان كشته شدهها 5 نفر در راميان و بيشترين تعداد زخميها 5 نفر در بيلهسوار اتفاق افتاده است
11-تحليل مخاطره بوران
تعداد رخدادهاي ثبت شده بوران در طول دوره 1 مورد بوده است كه در سال 1993 در نيشابور در استان خراسان رضوي رخ داده كه فاقد هرگونه خسارات مالي و جاني بوده است
12- تحلیل مخاطره گرم باد
اين پديده با توجه به اطلاعات بررسي شده در ايران در سال 2007 در شهر رشت در ماه مرداد رخ داده است كه هيچ خسارات جاني و مالي به بار نياورده است
13- تحليل مخاطره پيشروي دريا
اين مخاطره در مناطقي رخ ميدهد كه يك پهنهي آبي وجود داشته باشد و زماني مخاطره آميز تلقي ميشود كه خساراتي هرچند جزيي به بار بياورد و يا اينكه در دراز مدت خطرناك تلقي گردد. اين مخاطره در طول دوره آماري در ايران 5 بار ثبت گرديده است. در مناطق مازندران، لنگرود، نوشهر و بندر انزلي كه همگي در شمال كشور قرار دارند. 5 رخداد پيشروي دريا 4 كشته برجاي گذاشته است كه تنها در مازندران بوده و 4 مورد ديگر خسارات جاني در پي نداشته است. همه ي مرگ و مير ناشي از اين مخاطره درمهر ماه و در سال 73 اتفاق افتاده است.
14- تحلیل مخاطره رعد وبرق
در ايران پديده رعد و برق هر ساله موجب خسارات جاني و مالي در نقاط مختلف ميشود. در بررسي اين پديده در طول دورهي آماري در كل كشور 79 بار اتفاق افتاده كه 94 كشته، 13 زخمي بر جاي گذاشته است. به طور ميانگين هر سال از 4 رخداد رعد و برق بيشتر از 5 نفر جان باخته اند. بيشترين تعداد كشتهشدهها 8 نفر بوده كه در ايذه در سال 1380 رخ داده و پس از آن بويين زهرا با 6 نفر، اسدآباد، بيجار، كبودرآهنگ و سنندج قرار دارد كه در طول دوره 4 نفر بر اثر اين پديده جان خود را از دست دادهاند همچنين بيشترين زخميها در بيجار و بويين زهرا با 3 نفر ميباشد. است بيشترين تراكم اين پديده در مناطق غرب و شمال غرب واقع است به طوري كه از 79 مورد كل رخدادها بيش از 40 مورد آنها در مناطق مذكور رخ داده و بيش از نيمي از كشتهشدهها نيز در همين مناطق واقع شده است و مابقي موارد به طور پراكنده در اطراف كشور مشخص است اما مركز ايران و محل بيابانهاي كشور در طول دوره رعدو برق مخاطره آميزاتفاق نيفتاده است. توزیع ماهانه رعد و برق در ایران به این گونه است که ماه اردیبهشت با 24 و خرداد با 23 كشته و 8 نفر زخمی بیشترین فراوانی را دارا بوده اند.
15- تحليل مخاطره گرد باد
گردباد از جمله طوفانهاي گردوغبار است كه معمولاً در مناطقي كه باد شديد در آنها در جريان است رخ ميدهد. با توجه به منابع موجود شرق، جنوب شرق و مركز كشور محل بروز بيشترين گردبادها ميباشند. وقوع اين پديده در ايران در طول دوره زياد نبوده است. تعداد رخداد گردباد مخاطره آميز 3 مورد بوده كه در كرمان، قم و كنگاور هر كدام 1 بار رخداده است. در كل تعداد 8 نفر كشته برجاي گذاشته كه 2 نفر آن در كرمان و 6 نفر آن در قم ميباشد. 14 نفر نيز از وقوع اين پديده زخمي گرديدهاند كه به تنهايي در سال 1381 در قم اتفاق افتاده است. خسارت جاني رخدادهاي گردباد در ماههاي اسفند با 6 كشته و 14 زخمي و تير ماه با 2 كشته داراي بيشترين فراواني مي باشد.
16- تحليل مخاطره خشكسالي
خشكسالي در مناطق مختلف و از سالي به سال ديگر متفاوت است. خسارتهاي اين پديده مانند مخاطره اي چون سيل ملموس نيست بلكه در دراز مدت بروز خواهد كرد. ايران در طول دوره آماري مورد مطالعه، 35 با دچار خشكسالي گرديده است كه حدود 110000 هزار نفر از اين واقعه تحت تأثير مستقيم قرار گرفتهاند اما هيچكونه كشته و يا زخمي گزارش نشده است.
17- تحليل مخاطره سيل
سيل از جمله مخاطرات اقليمي است كه نه تنها در ايران بلكه در بيشتر نقاط دنيا از فراواني زيادي بر خوردار است و سالانه خسارات جاني و مالي فراواني را به بار ميآورد. در ايران نيز اين پديده از فراواني بسياري برخوردار است به طوري كه بيش از 2 برابر كل رخدادهاي مخاطرات ديگر در طول دوره اتفاق افتاده و با 1095 رخداد سهم زيادي را در خسارات جاني به بار آمده در ايران را به خود اختصاص داده است. 2545 نفر كشته و 13048 نفر زخمي، از مواردي هستند كه مخاطره سيل در طول دوره آماري در ايران بر جاي گذاشته است. . به طور ميانگين در هر سال 60 رويداد سيل در ايران اتفاق ميافتد و ميانگين كشته شدهها از بلاي سيل در هر سال 141 نفر است يعني در برابر هر رخداد سيل در هر سال بيشتر از 2 نفر ميميرند، . بالاترين رقم كشتهشدهها با عدد 388 و 387 كشته متعلق به بندر عباس و مشهد ميباشد. پس از آن قم با 313، كلاله با 145، نكا 131، بجنورد 116، گرگان با 95 و تبريز با 67 نفر جزو مناطقي هستند كه در طول دوره داراي بيشترين كشتهها بودهاند. همچنين كلاله با 12000 نفر زخمي، اهواز با 346 نفر، نكا با 290 نفر بيشترين افراد زخمي را به خود اختصاص دادهاند بیشترین تعداد کشتهها با 711 نفر و بيشترين تعداد زخمي ها با 12313 نفر در مرداد ماه اتفاق افتاده است. سال 1371 با 683 نفر كشته و سال 1384 با 12000 نفر زخمي بيشترين فراواني را از نظر سال و ماه به خود اختصاص داده اند.
بحث و نتيجه گيري
كشور ايران داراي وسعت زيادي است به همين دليل داراي تنوع زيادي در وضعيت طبيعي و محيطي ميباشد. بارشهاي زياد و گسترده ناشي از ورود تودههاي هوا از جنوب شرق و غرب، ورود جبهههاي سرد از شمال و شماغرب، وجود كمربند گرمايي در جنوب، سيستمهاي گرم در جنوب و جنوب غرب و جنوب شرق همگي بيانكننده اين مطلب هستند كه ايران با توجه به تنوع اقيمي زياد ميتواند مستعد انواع مخاطرات اقليمي باشد كه از نتايج اين تحقيق نيز چنين برميآيد و لزوم تحقيق و برسيهاي گسترده تر و عميقتر را ميطلبد و نياز مبرم را به ايجاد و تدوين برنامهريزيهاي دقيق و بلند مدت را در جهت شناخت هرچه بيشتر مخاطرات اقليمي را در ايران و ارائه راهكارهاي مناسب براي كاهش مخاطرات، ميرساند. اگر نسبت مرگ و مير ناشي از مخاطرات اقليمي در كشور را با ديگر عوامل مرگ و مير، مثلا مرگ و مير ناشي از حوادث ترافيكي مقايسه كنيم به اين نتيجه خواهيم رسيد كه تعداد مرگ و میر ناشي از حوادث ترافيكي در كشور در مدت ده سال تعداد 923/209 مورد بوده است(سازمان پزشکی قانونی کل کشور، سال) و نسبت مرگ ومير اين حوادث به ازاي هر صد هزار نفر جمعيت و تعداد وسايل نقليه در ايران در مقايسه از اغلب كشورهاي دنيا بيشتر است اما در مخاطرات اقليمي تعداد مرگ وميرها نسبت به اكثر كشورهاي جهان خيلي كمتر است كه دليلش را بايد در دو عامل دانست 1-نبودن آمار كافي در اين زمينه در كشور 2- در اكثر كشورهاي دنيا فعاليت شديد مخاطرات اقليمي باعث خسارت جبران ناپذيري
مي گردد مثلا خشكسالي در آفريقا، گردبادها درآمريكا و سيلابهايي كه در جنوب شرق آسيا رخ
مي دهد و باعث كشته شدن تعداد زيادي از انسانها مي گردد،اما در ایران با شدت کمتری اتفاق
می افتد. آنچه كه از تحليل و بررسي مخاطرات اقليمي و خسارات جاني ناشي از آنها در ايران بدست آمده است اينست كه هر چند در اكثر نقاط كشور مخاطرات اقليمي رخ داده است اما بيشترين تراكم و خسارات جاني در شمال، شمال غرب و غرب كشور و كمترين آن در مناطق مركزي مشاهده مي شود(شكلهاي 2و3).
مطالب مربوط به پراكندگي در مكان خودش يعني در ابتدا ارائه شود.
هم تعداد مخاطرات، هم ميزان خسارات ناشي از آنها، داراي افزايش محسوسي از ابتداي دوره تا پايان آن ميباشد. هرچند در بعضي موارد، اواسط دوره داراي بيشترين فراواني و خسارات بوده است اما آنچه مسلم است اين است كه بيشترين فراوانيها و خسارات در نيمه دوم دوره رخ داده است. 2887 نفر كشته، 13374 زخمي، پيامدهاي ناشي از اين رخدادها به ثبت رسيده است. سيل، رعدوبرق، طوفان، برف، كولاك، بترتيب داراي بيشترين كشته ها در طول دوره مي باشد
شکل 2- پراکنش مکانی تعداد کشته های مخاطرات اقلیمی در ایران در طول دوره آماری(1386-1370)
شکل 3- پراکنش مکانی تعداد زخمی های مخاطرات اقلیمی در ایران در طول دوره آماری(1386-1370)
منابع:
1- آمارروزنامه اطلاعات و داده هاي سايت سازمان ملل متحد(1386-1370)
2- اسمیت، کیت، ترجمه مقیمی، گودرزی نژاد، 1382، "مخاطرات محیطی" ، انتشارات سمت، 288 ص.
3- زارعي، محمدرضا، 1387، "مرگ و مير ناشي از حوادث ترافيكي ايران،"مجله پزوهشي حكيم، شماره سوم
4- سبزيپرور، علياكبر، 1370،" بررسي سينوپتيك سيستمهاي سيلزا در جنوب غرب ايران"، پاياننامه كارشناسي ارشد، مؤسسه ژئوفيزيك دانشگاه تهران.
5- سيف، مهرزاد، 1375، "بررسي توزيع بارش تگرگ در ايران و مطالعه موردي آن"، پاياننامه كارشناسي ارشد، مؤسسه ژئوفيزيك دانشگاه تهران.
6- مرادي، حميدرضا، 1380،" پيشبيني سيلابها بر اساس موقعيتهاي سامانههاي همديدي در شمالشرق ايران"، پاياننامه كارشناسي ارشد، دانشگاه تربيت مدرس.
6- Bryant,E . 2001. Introduction to Natural Hazatds. Cambridge University Press, second Edition
7- Philipp Schmidt, T,2006. Integration of natural hazards, risk and climate change into spatial planning practices.PhD thesis no.193 of the partment of Geology, University of Helsinki.
8- mergency Disaster Database (Em-Dat). 2006. Trends and Relationship for the eriod 1990-2005. Available at: http://www.em- dat.net/disaster/trend.htm.
Analysis of human casualties resulting from climatic hazards during 1370 until 1386 in Iran.
نويسندگان
Abstrct
Climatic risks which are climatic features of any region in the earth to come into existence as a result of abnormal climatic manners, which chiefly are random. So their predication is very difficult. In this study. In this study with data collection that in cloudes 15 climate risk,Windy, hailston , Tornado, Rain, sleet, Blizzard, Marchsea, glacial, snow, drouth and flood when 17 year period, the number killed in the process injured this risk achieved.For this purpose we collected data from 15 climatic risks in 17 years period during 1370 to 1386 of different sources such as Etelat newspaper and the united nation website. Result shows that in our country and in during study period of all climatic risks, 1612 risks have occurred with 90 averages in each year. Annual average with 167 deaths, 743 injureds, which have been sequences of these risks ,have registered. Flood which this most abundance and cased loss has with 2545 death been the fatalist. After that was tornado and thunder that caused 94 and 93 people to be killed,regarding the number of injured people, torent with 13048 caused the most damage, snowfalling with 290 ulcerous was on the next rank and After that during the period, thunder and strom with 14 and 13 killed people is on the next level.
Key words:Iran, number killed and injured, climatic risk, the most de structive.